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Friday, 1 May 2020

मजदूर दिवस।




आज रचने वालों का और रचना में मदद करने वालों का दिन है।आज संसार जिस पहिया पर चलता है उनका दिन है।घर से लेकर स्वर्ग तक के निर्माताओं का दिन है।उन सबको नमन।उन सबके कार्यों को नमन।उनसब के आत्मसमान का सम्मान करना ही हमसब का कर्तव्य होना चाहिए।

उनके लिए सिर्फ घर में मत रोइये और फेसबुक पर ही मत चिलाइये।जहाँ उनके खिलाफ ग़लत होता दिखाई दे वहाँ बोलिये।खासकर के बाल मजदूर को मजदूरी करते हुए देखिए तो पुलिस को फोन कीजिये।100 नम्बर डायल करिये।ये हम और आप कर सकते हैं।छोटा भीम या शिनचैन नहीं आएगा ये सब रोकने।

लेबर डे के दिन मजदूरों के लिए सिर्फ हमलोग के दिल में लेबर पेन होने से काम नहीं बनेगा।ये सिर्फ घड़ियाली आँसू के अलावा कुछ नहीं हैं।सब कहीं न कहीं मजदूर ही तो हैं।किसी को उसके चॉइस के अनुसार मजदूरी का मौका मिलता है तो किसी को उसके मजबूरी में मजदूरी करना पड़ता है।जो अपने पसंद से मजदूरी करते हैं उनको मजदूर दिवस की बधाई और जिनके ऊपर उनकी मजदूरी को उनकी मजबूरी में लाद दिया गया है उनके इस हालत के खिलाफ बोलना होगा,खड़ा होना होगा हमको और आपको।सिर्फ कविता या पोस्ट लिखने से कुछ लाइक/कमेंट/शेयर के अलावा कुछ नहीं होगा।जय हो। #mayday #मजदूरदिवस

परेशानात्मा

   कुछ लोग निराशावाद के प्रति इतनी तन्मयता से आशावादी हो जाते हैं कि उन्हें हर एक चीज से परेशानी होती है और  उन्हें ईश्वर रचित या मानव निर्म...